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कवि घनश्याम ठक्कर गुजराती काव्यसंग्रह |
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कवि घनश्याम ठक्कर गुजराती काव्यसंग्रह |
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भूरी शाहीनां खळखळ
कवि घनश्याम ठक्कर गुजराती सीडी काव्यसंग्रह |
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फायदा क्या है?(गझल)घनश्याम ठक्करमय-भरे ख्वाब दिखाने से फायदा क्या है? सिर्फ अंगूर चखाने से फायदा क्या है?
ये तमाशा तो खत्म होनेका भरोसा नहीं, तो फिर परदे को गिराने से फायदा क्या है?
तेरी तनहाई में भी दिल को तअल्लुक तेरा, इश्क पर जोर लगाने से फायदा क्या है?
मेरी खामोश नजर दिलकी बात कहती है, ओ सनम! होठ हिलाने से फायदा क्या है?
जो घर टूटा था वो नजरों से दूर हो न सका, अब नये घर को बसाने से फायदा क्या है?
न तो कहने से, न सुनने से दिल बहलता है, तो ऐसे गम के फसाने से फायदा क्या है?
देखो, 'घनश्याम' सूख गया यहां हद से ज्यादा, अब उसपे अश्क बहाने से फायदा क्या है?
Posted by Ghanshyam Thakkar
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राधाकी व्यथा (गीत) - घनश्याम ठक्कर
पर-घर |
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